महंत आयुष महेन्द्र भारती
मुख्य पुजारी मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन
शहर के जीवन की हलचल से बहुत दूर स्थित एक अद्भुत मंदिर पर्यटकों के लिए शांति की एक अकल्पनीय भावना प्रदान करता है।
पुराणों के अनुसार मंगल पृथ्वी का पुत्र है। यानी मंगल की उत्पत्ति पृथ्वी से मंगल के रूप में हुई है। आध्यात्मिक कथाओं में भगवान शिव के पिघलने से मंगला का जन्म हुआ है। महंत आयुष भारती के अनुसार मंगल ग्रह को स्वभाव से उग्रा कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र 12 राशियों और ग्रह, नक्षत्र आदि पर आधारित है। मंगल को उदय का सम्मान कहा जाता है। मंगलनाथ का मंदिर क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है पवित्र शहर उज्जैन दुनिया के केंद्र में स्थित है। और प्रसिद्ध कारक रेखा उज्जैन से गुजरती है। भगवान शिव को समर्पित, मंगलनाथ मंदिर उज्जैन में स्थित महत्वपूर्ण सम्मानित पवित्र स्थान है। उसके अनुसार मत्स्य पुराण, मंगलनाथ के शिलालेखों में मंगल की जन्मभूमि होने का दावा किया गया है। मंगलनाथ मंदिर (मंदिर) शांत परिवेश में स्थित है और यह राजसी शिप्रा नदी में पानी के विशाल खंड को देखता है।
पूजा
अन्य पूजा
मंगल दोष वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय स्थिति है। यदि किसी की जन्म कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वे घर पर होता है, तो व्यक्ति को मंगल दोष से युक्त माना जाता है, और इन्हें ही "मांगलिक" (Manglik) कहा जाता है
मंगल दोष के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
मंगल दोष निवारण कैसे करें?
“मांगलिक” (Manglik) स्थति विवाह के लिए अत्यंत विनाशकारी मानी गयी है | संबंधो में तनाव, कार्य में असुविधा तथा नुक्सान और व्यक्ति की असामायिक मृत्यु का कारण मंगल को माना गया है | मंगल पूजा के द्वारा मंगल ग्रह को प्रसन्न किया जाता है,तथा उसके विनाशकारी प्रभावों को नियंत्रित किया जाता है, तथा सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाया जाता है |
मंगल ग्रह की शांति पूजा: मंगल ग्रह की शांति के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान की जा सकती है। मंगल ग्रह के लिए विशेष मंत्र और पूजा विधि होती हैं जो एक पंडित या ज्योतिषी द्वारा मंगलनाथ मंदिर (Mangalnath Mandir) पर भात पूजा कराएं और अविवाहित हैं तो कुंभ विवाह करें।
मंगल ग्रह की दान और दानशीलता: मंगल की शांति के लिए दान करना भी एक उपाय हो सकता है। लाल आसन, रक्तचंदन, मसूर दाल, गुड़, ताम्र या लोहे का एक भाग, रक्तशल, रक्तमूर्धा, रक्तपुष्प, या रक्तपट्टिका दान किया जा सकता है।
मंगल की दिनचर्या
मंगलवार को मंगल ग्रह को शांति करने के लिए विशेष रूप से ध्यान और पूजा करना उपयुक्त हो सकता है।
रुद्राभिषेक
रुद्राभिषेक मंगल दोष निवारण के लिए किया जा सकता है। इसमें शिवलिंग पर पानी, दूध, दही, घृत, गंगाजल, और बिल्वपत्रों का अभिषेक किया जाता है।
रत्न धारण
5 रत्न धारण: कुछ लोग मंगल दोष को निवारण के लिए मंगल रत्न (मूंगा) धारण करते हैं
ज्योतिष विशेषज्ञ: आयुष भारती जी
ज्योतिषीकी और शांति: विशेषज्ञ से संपर्क करें
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पवित्र शांति प्रतीक्षा कर रही है
मंगल ग्रह शांति हेतु पंचामृत अभिषेक
व्यक्तिगत स्थिति: आचार्य के मार्गदर्शन में
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मंदिर पता
मंगलनाथ मंदिर, सांदीपनि आश्रम के पास, मंगलनाथ रोड, उज्जैन शहर, उज्जैन, मध्य प्रदेश 456006
info@mangalnathmandirujjain.in
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